विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के एक ताजा अध्ययन ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। अध्ययन के अनुसार दुनिया की 42% आबादी, यानी लगभग 3.4 अरब लोग किसी न किसी प्रकार के न्यूरोलॉजिकल रोग से ग्रस्त हैं। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती है।
अध्ययन की प्रमुख निष्कर्ष
- अध्ययन में पाया गया कि स्ट्रोक, अल्जाइमर रोग और मधुमेह से जुड़ी न्यूरोपैथी दुनिया भर में सबसे आम न्यूरोलॉजिकल रोग हैं।
- पिछले 30 वर्षों में न्यूरोलॉजिकल रोगों से होने वाली मौतों और विकलांगता में 18% की वृद्धि हुई है।
- विकासशील देशों में न्यूरोलॉजिकल देखभाल की कमी के चलते वहां स्थिति और भी गंभीर है।
यह चिंता का विषय क्यों है?
न्यूरोलॉजिकल रोगों का चिंता का विषय होना कई कारणों से महत्वपूर्ण है:
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में 42% आबादी किसी न किसी प्रकार के न्यूरोलॉजिकल रोग से ग्रस्त है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और यह दर्शाता है कि ये रोग एक बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या हैं।
- न्यूरोलॉजिकल रोग तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं को नुकसान पहुंचता है। जिससे व्यक्ति की सोचने, महसूस करने, गति करने और दैनिक कार्यों को करने की क्षमता में कमी आ सकती है। इन रोगों के कारण व्यक्ति को गंभीर विकलांगता या मृत्यु भी हो सकती है।
- कई न्यूरोलॉजिकल रोगों का कोई स्थायी इलाज नहीं है। उपचार केवल लक्षणों को कम करने और रोग की प्रगति को धीमा करने पर केंद्रित होता है।
- पिछले 30 वर्षों में न्यूरोलॉजिकल रोगों से होने वाली मौतों और विकलांगता में 18% की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की संभावना है।
- विकासशील देशों में न्यूरोलॉजिकल देखभाल की कमी के चलते वहां स्थिति और भी गंभीर है। इन देशों में लोगों को न्यूरोलॉजिकल रोगों का उचित निदान और उपचार नहीं मिल पाता है।
- न्यूरोलॉजिकल रोगों का व्यक्ति के जीवन पर सामाजिक और आर्थिक प्रभाव भी पड़ता है। इन रोगों के कारण व्यक्ति को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ सकती है और परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ सकता है।
आप क्या कर सकते हैं?
अपने न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए आप ये कदम उठा सकते हैं:
- स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें।
- धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचें।
- अपने डॉक्टर से नियमित जांच कराएं।
- न्यूरोलॉजिकल रोगों के बारे में जागरूक रहें और लक्षणों को नजरअंदाज न करें।
निष्कर्ष:
न्यूरोलॉजिकल रोगों का बढ़ता प्रसार एक गंभीर चिंता का विषय है। इन रोगों से निपटने के लिए हमें व्यक्तिगत और सरकारी स्तर पर मिलकर काम करने की आवश्यकता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम दिए गए हैं:
- जागरूकता बढ़ाना: लोगों को न्यूरोलॉजिकल रोगों के बारे में जागरूक करना और उन्हें लक्षणों को पहचानने के लिए शिक्षित करना।
- शोध को बढ़ावा देना: न्यूरोलॉजिकल रोगों के कारणों, रोकथाम और उपचार के बारे में अधिक शोध करने की आवश्यकता है।
- रोगियों का समर्थन करना: न्यूरोलॉजिकल रोगों से पीड़ित लोगों को आवश्यक सहायता और देखभाल प्रदान करना।
- सरकारी नीतियां: सरकारों को न्यूरोलॉजिकल रोगों को प्राथमिकता देनी चाहिए और इन रोगों से निपटने के लिए प्रभावी नीतियां बनानी चाहिए।
न्यूरोलॉजिकल रोगों को हराने के लिए हम सब मिलकर प्रयास करें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, नियमित रूप से जांच करवाकर और जागरूकता फैलाकर हम इन रोगों के प्रभाव को कम कर सकते हैं।